7th Pay Commission 2024: सरकार की हालिया घोषणा में कहा गया है कि अब सरकारी कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी लाभ प्रदान नहीं किया जाएगा। मोदी प्रशासन ने कर्मचारी ग्रेच्युटी और पेंशन को नियंत्रित करने वाले कानूनों को संशोधित किया है। सरकार ने मार्च 2023 में डीए की घोषणा की, और अनुभवी कर्मचारियों को 1 जनवरी से इसकी सूचना दे दी गई है। सरकार इस नए फैसले के साथ कर्मचारी भत्तों को बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
प्रशासन के मुताबिक, अब सितंबर या अक्टूबर में डीए बढ़ोतरी की दोबारा घोषणा की जाएगी। लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों (7th Pay Commission 2024) को हाल ही में सरकार से कड़ी चेतावनी मिली है, और इस पर ध्यान न देने पर सेवानिवृत्ति पर उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी से हाथ धोना पड़ सकता है।
पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने का दिया गया निर्देश
7th Pay Commission 2024: मोदी प्रशासन ने हाल ही में कर्मचारी पेंशन और ग्रेच्युटी नियमों में संशोधन किया है। मार्च 2023 में सरकार ने डीए की घोषणा की थी। कर्मचारियों को उनका एरियर 1 जनवरी को मिला। प्रशासन अब सितंबर या अक्टूबर में डीए बढ़ोतरी को लेकर एक और घोषणा करेगा। बहरहाल, आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को हाल ही में सरकार की ओर से कड़ी चेतावनी मिली है। यदि कर्मचारी उपेक्षा करते हैं तो सेवानिवृत्ति पर उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी खोने का जोखिम रहता है।
सरकार ने निर्देश दिया कि अगर कोई कर्मचारी अपने काम में लापरवाही बरतता है तो रिटायरमेंट के बाद उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी बंद हो जाएगी। फिलहाल केंद्रीय कर्मचारी इस आदेश के अधीन रहेंगे। हालाँकि राज्य सरकारें अंततः इसे अपना सकती हैं, लेकिन यह निर्देश सबसे पहले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए है।
नियम 2021 के रूल 8 में हुआ बदलाव
7th Pay Commission 2024: 2021 में, केंद्र सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम की घोषणा प्रकाशित की। सरकार द्वारा सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 नियम 8 में संशोधन किया गया है। इस नियम में अब नए प्रावधान शामिल हैं।
निर्देश में कहा गया है कि बड़े अपराधों या लापरवाही के दोषी कर्मचारी अब पेंशन लाभ के पात्र नहीं होंगे। अपने सेवा समय के दौरान केंद्रीय कर्मियों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। रिटायरमेंट के बाद इन कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी खत्म हो जाएगी। नई गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उनकी पूरी सेवा के दौरान उनकी नैतिक सत्यनिष्ठा महत्वपूर्ण रहेगी। स्टाफ सदस्यों को ऋण और दान को नियंत्रित करने वाली शर्तों को भी सरकार द्वारा संशोधित किया गया है। कर्मचारियों को नोटिस से पहले नई नीतियों का पालन करने के लिए छूट अवधि दी जा रही है।
7th Pay Commission 2024: कौन करेगा इसपर कार्रवाई?
7th Pay Commission 2024: राष्ट्रपति सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी के लिए कर्मचारियों को नामित कर सकते हैं। जिम्मेदार प्राधिकारी, जो दिवंगत कर्मचारी से जुड़ा है, को यह विशेषाधिकार दिया गया है। दोषी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी में कटौती करना सीएजी लेखा परीक्षकों के अधिकार क्षेत्र में है।
सचिव संबंधित मंत्रालय से जुड़े स्टाफ सदस्यों को पेंशन का भुगतान करने से भी इनकार कर सकते हैं। यह राजा के वित्त मंत्री को नियुक्ति के बाद कर्मचारियों को उनकी पेंशन देने से इनकार करने की शक्ति भी देता है। सीएजी सेवानिवृत्त होने के बाद भी कर्मचारियों की ग्रेच्युटी को विनियमित करने में सक्षम है। यदि यह इस प्राधिकरण से संबंधित है, तो लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के कर्मचारी के पास पेंशन रोकने की भी क्षमता है।
यह अधिकार इसके अंतर्गत आने वाले सभी नामित पदों के सचिवों तक भी फैला हुआ है। सेवानिवृत्ति के बाद बचा हुआ प्रत्येक विभाग का कर्मचारी इस दृष्टिकोण का उपयोग करता है। इस अधिकार की गारंटी देने का अधिकार क्षेत्र भी संबंधित निकाय को दिया गया है।
7th Pay Commission 2024: कैसे होगी कार्रवाई?
7th Pay Commission 2024: कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी होना जरूरी है। यदि आप सेवानिवृत्ति के बाद काम करते हैं, तो आपको उन्हीं नियमों का पालन करना होगा। दोषी साबित होने पर पेंशन और ग्रेच्युटी कटने के बाद पैसा वापस मिल सकता है।
पेंशन और ग्रेच्युटी रोकना प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में है। नौकरी के दौरान की गई किसी भी विभागीय या अदालती कार्रवाई के बारे में जानकारी का खुलासा किया जाना चाहिए। दिशानिर्देश सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियुक्तियों को भी कवर करते हैं। दोषी साबित होने पर पेंशन और ग्रेच्युटी काटने के बाद वापसी योग्य। अधिकारी स्थायी या अस्थायी रूप से पेंशन या ग्रेच्युटी भुगतान रोक सकते हैं।
यदि किसी कर्मचारी को सेवानिवृत्त होने के बाद पुनः नियुक्त किया जाता है, तो भी नियम लागू होते हैं। दोषी पाए जाने की स्थिति में पूरी या आंशिक पेंशन या ग्रेच्युटी राशि की वसूली की जा सकती है।
7th Pay Commission 2024: क्या है ग्रेच्युटी ?
7th Pay Commission 2024: किसी कर्मचारी की ग्रेच्युटी वह राशि होती है जो उसका नियोक्ता या वह संगठन जहां वह काम करता है, उसे देता है। हालाँकि, ऐसा करने के लिए उसे कम से कम पाँच वर्षों तक वहाँ काम करना होगा। यह राशि अक्सर कर्मचारियों को उनके इस्तीफे, बर्खास्तगी या रिटायर पर प्रदान की जाती है।
एक कर्मचारी किसी भी संगठन में पांच साल तक लगातार रोजगार के बाद ग्रेच्युटी के लिए पात्र है। कर्मचारी को यह भत्ता उसकी पांच साल की निरंतर सेवा के सम्मान में नियोक्ता से मिलता है। ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति पर प्रदान किया जाने वाला लाभ ग्रेच्युटी है। दस से अधिक कर्मचारियों वाले किसी भी व्यवसाय को ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देना आवश्यक है।
7th Pay Commission 2024: ग्रेच्युटी पेमेंट एक्ट 1972
7th Pay Commission 2024: कर्मचारी हितों की सुरक्षा के इरादे से 1972 में “ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम” पारित किया गया था। खनन, विनिर्माण, तेल और गैस क्षेत्रों, वनों और बंदरगाहों जैसे अन्य उद्योगों में दस या अधिक कर्मचारियों वाले सभी व्यवसायों के कर्मचारी इस विनियमन के दायरे में आते थे। ग्रेच्युटी भविष्य निधि के समान नहीं है। भविष्य निधि का एक हिस्सा कर्मचारी से भी काटा जाता है जबकि ग्रेच्युटी में नियोक्ता पूरी राशि का भुगतान करता है।
कर्मचारी की मृत्यु होने पर मिल सकती है ग्रेच्युटी
7th Pay Commission 2024: इसके अलावा, किसी भी कारण से कर्मचारी की मृत्यु होने या बीमारी या दुर्घटना के कारण कंपनी छोड़ने की स्थिति में कर्मचारी या उसके द्वारा चुने गए व्यक्ति को ग्रेच्युटी की पूरी राशि मिलती है। ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 में प्रावधान है कि ग्रेच्युटी का भुगतान कुल 20 लाख रुपये तक किया जा सकता है। ग्रेच्युटी निर्धारित करने के लिए, एक सामान्य सेवानिवृत्ति अवधि मानते हुए, कर्मचारी के पिछले महीने के औसत मासिक वेतन को 15 दिनों से घटा दिया जाता है। वर्तमान में, 10 लाख रुपये उच्चतम राशि है जिसकी गणना की जा सकती है, दोनों में से जो भी बड़ा हो।