Saraswati Puja kab hai 2025: इस साल कब है सरस्वती पूजा की तिथि और मूहर्त, जानिए पूजा विधि ! 

Saraswati Puja kab hai: सरस्वती पूजा जिसे बसंत पंचमी या फिर श्री पंचमी पूजा के नाम से भी जाना जाता है वसंत ऋतु के महीने में मनाया जाता है। यह पूजा ज्ञान भाषा और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित होती है। यह हिंदुओं का एक विशेष त्योहार माना जाता है। इस दिन को विद्यार्थियों के लिए काफी शुभ दिन माना जाता है।

इस दिन सभी विद्यार्थी सरस्वती माता की पूजा करके उनसे अपने उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद लेते हैं। इस त्यौहार को पूरे देश में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यदि आप भी यह जानना चाहते हैं कि साल 2025 में सरस्वती पूजा कब है ? तो यह जानने के लिए इस लेख में अंत तक बन रहे….

सरस्वती पूजा 2025 में कब है ? ( Saraswati Puja 2025 me kab hai ) 

सरस्वती पूजा हर साल हिंदू महीने माघ के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है। यह आमतौर पर जनवरी या फरवरी के महीने में पड़ता है। यह वसंत से 40 दिन पहले आता है। ऐसा माना जाता है कि किसी भी मौसम को पूरी तरीके से खिलने में इतना समय लग जाता है। इसलिए इस पूजा को वसंत पंचमी की पूजा भी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार यह कहा जा रहा है कि इस साल 2025 में सरस्वती पूजा 2 फरवरी को रविवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन पूरे देश में बड़ी उत्साह के साथ सरस्वती माता की पूजा की जाएगी और अगर मुहूर्त की बात की जाए तो सरस्वती पूजा का मुहूर्त 2 फरवरी की सुबह 11:53 से शुरू होकर अगले दिन सुबह 9:36 तक रहेगा। 

सरस्वती पूजा कहां मनाया जाता है ? ( Saraswati Puja kaha manaya jata hai ) 

सरस्वती पूजा को पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन भारत देश के अलावा अगर बात की जाए तो सरस्वती पूजा की मान्यता बांग्लादेश, नेपाल, इंडोनेशिया और बाली जैसे के कई हिस्सों में मानी जाती है। हमारे देश में शैक्षणिक संस्थानों में भी सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन सभी विद्यालय और शिक्षण संस्थानों में सरस्वती माता की विशेष तौर पर पूजा की जाती है और उनसे बेहतर ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद दिया जाता है।

बंगाल और बिहार में इस पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन केसर का उपयोग करके लोग मिठाइयां और चावल के व्यंजन तैयार करते हैं। साथ ही साथ वहां के सभी लोग इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। इसके अलावा उड़ीसा में भी कई स्कूलों और कॉलेज में इस दिन हवन और यज्ञ रखे जाते हैं। साथ ही साथ सभी छात्रों को पीले वस्त्र धारण करने का आदेश दिया जाता है। हमारे देश में मां सरस्वती के आशीर्वाद के स्वरूप में इस दिन का विशेष महत्व माना जाता है। 

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