Mahananda Navami kab hai: जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत में समय-समय पर साल भर कई त्योहार और उत्सव मनाया जाते हैं। जिनका एक अपना अलग-अलग विशेष महत्व होता है। इसी प्रकार एक त्यौहार और व्रत महानंदा नवमी के नाम से मनाया जाता है। इसे ताला नवमी भी कहा जाता है। यह हर वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी कि गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन महानंदा नवमी का पर्व मनाया जाता है।
जीवन में सुख समृद्धि और धन की कमी को पूरा करने के लिए यह व्रत लोगों द्वारा किया जाता है। विशेष तौर पर इस त्यौहार का महत्व उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के क्षेत्र में पाया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा के भक्त बड़ी उत्साह के साथ पूजा करते हैं। उनके लिए व्रत रखते हैं और साथ ही साथ प्रसाद बांटते हैं। यदि आप भी इस साल महानंदा नवमी कब है? (Mahananda Navami kab hai 2025) यह जानना चाहते हैं तो यह जानने के लिए इस लेख में अंत तक बन रहे….
कब है महानंदा नवमी 2025 ? (Kab hai Mahananda Navami 2025)
सनातन धर्म में देवी दुर्गा को शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। बुराइयों से लड़ने के लिए शक्ति और समर्थ प्राप्त करने वाली महिला के तौर पर इनकी पूजा की जाती है। देवी दुर्गा की पूजा करने से बुरी आत्माओं पर भी विजय प्राप्त होता है। यही कारण है कि हर वर्ष महानंदा नवमी भारत के कई क्षेत्रों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग उपवास रखते हैं, देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। इस साल की बात की जाए तो महानंदा नवमी 6 फरवरी गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन दुर्गा माता में विश्वास रखने वाले लोग उपवास करेंगे और उन्हें प्रसाद चढ़ाएंगे। साथ ही साथ माता दुर्गा से अपनी मनोकामना को पूर्ण करने का निवेदन करेंगे।
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महानंदा नवमी पूजा का महत्व ! (Mahananda Navami Puja Importance)
हिंदू सनातन धर्म में महानंदा नवमी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन दुर्गा माता की पूजा और व्रत रखने से घर के सभी क्लेश दूर हो जाते हैं। इस व्रत को करने से मनुष्य को न केवल भौतिक सुख मिलते हैं बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। इस व्रत को करने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है और हमारे आने वाली सभी पीढ़ियों के लिए यह व्रत लाभदायक होता है। यही कारण है कि इस दिन सभी श्रद्धालु विशेषकर विवाहित महिलाएं इस दिन में उपवास रखती हैं। और रात में चांद को देखकर अपना व्रत तोड़ती है।
महानंदा नवमी की पूजा विधि ( Mahananda Navami ki Puja Vidhi )
महानंदा व्रत के दिन दुर्गा माता की पूजा करने का खास विधान है। महानंदा नवमी से कुछ दिन पहले घर की साफ सफाई की जाती है। नवमी के दिन पूजा घर में दुर्गा माता के सामने बड़ा दीपक जलाया जाता है। और साथ ही साथ ओम महालक्ष्मी नमः का जाप किया जाता है। जाप के बाद रात में पूजा की शुरुआत की जाती है। साथ ही साथ नवमी के दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराने का भी विधान है। भोजन करने के बाद कुंवारी कन्याओं से आशीर्वाद मांगा जाता है। और दुर्गा माता को चढ़ाने वाले प्रसाद को सभी में बांटा जाता है ऐसा करने से दुर्गा माता आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।