8th Pay Commission: दिवाली बोनस और चार प्रतिशत महंगाई भत्ता दो ऐसे तोहफ़े थे जो मोदी सरकार ने दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को दिए थे। गौरतलब है कि नवंबर के वेतन में 46 फीसदी की बढ़ोतरी, बोनस, भत्ते और तीन महीने का एरियर शामिल है। इसके अतिरिक्त, सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन में वृद्धि की गई है। व्यय प्रीमियम की अगली समीक्षा 2024 (8th Pay Commission) के लिए निर्धारित है, और यह अर्ध-वार्षिक एआईसीपीआई डेटा पर निर्भर होगी।
केंद्र सरकार ने पिछले साल की दूसरी छमाही में अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ाया था। उसके बाद, महंगाई भत्ता (या “डीए”) दर 42 से बढ़कर 46 प्रतिशत हो गई। अब संभावना है कि 1 जनवरी 2024 से सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 से 5 फीसदी तक बढ़ जाएगा। जनवरी में देश के आगामी लोकसभा चुनावों ने इस विषय पर चर्चा तेज कर दी है। कर्मचारी संगठनों को उम्मीद है कि सरकार इससे पहले 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर सकेगी। हालाँकि, सरकार पहले ही साफ़ कह चुकी है कि वह इस पर क्या रुख रखती है।
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8th Pay Commission: लागू होगा 8वां वेतन आयोग
8th Pay Commission: दरअसल, AICPI इंडेक्स के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की सेवा से जुड़ी DA/DR दरों में हर साल जनवरी और जुलाई महीने में संशोधन किया जाता है। नई दरों की घोषणा 2023 में की गई थी, और उन्हें डीए के आगामी जुलाई-दिसंबर 2023 के आंकड़ों के आलोक में 2024 (8th Pay Commission) में अपडेट किया जाएगा।
- सितंबर तक एआईसीपीआई सूचकांक 1.7 अंक गिरकर 137.5 पर पहुंच गया।
- ऐसे में अनुमान है कि आने वाले साल में डीए 50 फीसदी से ज़्यादा बढ़ सकता है।
- एआईसीपीआई ने सितंबर में बताया कि डीए केवल तीन महीनों में 2.5% बढ़कर 48.54% हो गया है।
- नवंबर, दिसंबर और अक्टूबर के आंकड़े अभी भी जारी होने बाकी हैं।
- संख्या में वृद्धि से डीए में 50% से अधिक की वृद्धि हो सकती है।
- यह विश्लेषण बताता है कि सितंबर में डीए स्तर सबसे बड़ा है, जो 48.54% है।
- 137.5 का एआईसीपीआई स्कोर बताता है कि सुधार की गुंजाइश है।
- DA 2.5% बढ़कर 48.54% हो गया है।
8th Pay Commission: नए साल से लागू किया जाएगा नया आयोग?
8th Pay Commission: यदि अक्टूबर में संकेत 49% से अधिक हो जाता है, तो संभावना है कि दिसंबर तक इसका वित्तीय संकेत 50% से अधिक हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप डीए में 4%-5% की वृद्धि हो सकती है, और जनवरी 2024 में नया डीए मूल्य अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के आंकड़ों का विश्लेषण करके निर्धारित किया जा सकता है।
सातवें वेतन आयोग के साथ, केंद्र सरकार ने डीए संशोधन नियम भी स्थापित किया, जिसमें कहा गया है कि डीए 50% पर शून्य हो जाएगा और शेष 50% का भुगतान वर्तमान मूल वेतन के ऊपर किया जाएगा। इसकी पुनर्गणना की जाएगी, और इस नई प्रक्रिया के साथ एक नई भुगतान लागत लागू की जा सकती है।
पुरानी पेंशन, डीए बकाया और नए वेतन आयोग की हो रही है मांग
- केंद्रीय आधिकारिक कर्मचारियों और श्रमिकों के परिसंघ का दावा है कि आधिकारिक नीति द्वारा नियमित भर्ती निषिद्ध है।
- नए वेतन आयोग की मांग के साथ-साथ निजीकरण में देरी भी हुई है।
- कोरोना संकट के बावजूद सरकार अब खाली पदों पर भर्ती नहीं कर रही है।
- एनपीएस कर्मचारी संघ की ओर से ‘पेंशन जयघोष महारैली’ की मांग की गई है।
- महासंघ ने सरकार द्वारा 10 दिसंबर तक पिछली पेंशन बहाल नहीं करने पर हड़ताल की चेतावनी दी है।
- पिछली पेंशन की बहाली का भुगतान तय समय पर नहीं होने पर हड़ताल की धमकी।
- यूनियन का दावा है कि वे नये वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे हैं।
- निजीकरण ख़त्म करने के आह्वान के अलावा, सरकार ने नए कर्मचारियों को काम पर रखना भी बंद कर दिया है।
8th Pay Commission: जनवरी में मिलेगा फ़ायदा
- केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए, डीए व्यय भत्ते के निर्धारण के लिए आधार के रूप में कार्य करता है।
- डीए की गणना करने के लिए, पूरे भारत के लिए सीपीआई के 12 महीने के औसत का उपयोग किया जाता है।
- तीन महीने के औसत को अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से विभाजित करने का सूत्र है।
- डीए के लिए आधार वर्ष 2001 है, और यह आधार वेतन का पूरक है।
- कर्मचारियों के लिए आधार वर्ष 2001 = 100-115.76/115.76 का उपयोग किया जाता है।
- इसकी गणना अखिल भारतीय सीपीआई का उपयोग करके सूत्र का उपयोग करके की जाती है।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के लिए, 2001 = 100-126.33/126.33 को आधार वर्ष के रूप में उपयोग किया जाता है।
- गणना के लिए, 12 महीने का औसत आंकड़ा नियोजित किया जाता है।
- लागत भत्ते की गणना करते समय वेतन वृद्धि का प्रतिशत शामिल किया जाता है।
- डीए की गणना समय के साथ फॉर्मूला का उपयोग करके की जाती है।
8th Pay Commission
8th Pay Commission: कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने एक पत्र में उज्ज्वल भविष्य का हवाला देते हुए कहा कि आठवें वेतन आयोग की स्थापना के लिए यह समय आदर्श है। उनका मानना है कि केंद्र सरकार के अधिकारी सरकार की नींव के रूप में काम करके बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। ये कार्यकर्ता जनता को सरकारी नीति के बारे में शिक्षित करने के लिए काफ़ी प्रयास और प्रतिबद्धता कर रहे हैं।
वेतन आयोग की सिफारिशों के बारे में ध्यान देने योग्य एक महत्वपूर्ण बात यह है कि, जबकि केंद्र सरकार ने उन्हें 2016 में उपलब्ध कराया था, देश को कुछ ही समय बाद कोविड -19 महामारी से निपटना पड़ा। इसलिए बुनियादी चीजों की लागत काफ़ी बढ़ गई है। उद्योग, निर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं की वृद्धि ने उच्च ब्याज दरों के कारण सिविल कर्मियों के लिए चुनौतियाँ ला दीं। मुद्रास्फीति की औसत दर 4 से 7 प्रतिशत के बीच रही है, जिससे पहले से ही कठिन आर्थिक स्थिति और भी अधिक कठिन हो गई है।
8th Pay Commission: दस सालों के लिए होता है आयोग का गठन
8th Pay Commission: पत्र में यादव ने पांचवें और छठे वेतन आयोग की सिफारिशों का जिक्र किया है। भुगतान आयोग की स्थापना एक दशक पहले की गई थी। डीए/डीआर दर 50% से अधिक होने पर वेतन समायोजित किया जाएगा।
दो साल पहले, नवगठित भुगतान आयोग ने अपने निष्कर्षों में बदलाव किया। रिपोर्ट तैयार करने में सरकार को छह महीने लग जाते हैं। आठवें वेतन आयोग के गठन के लिए प्रधानमंत्री को एसबी यादव ने प्रोत्साहित किया था। यादव ने छठे वेतन आयोग के खंड 1.1.4 का हवाला दिया। महासचिव ने जोर देकर कहा कि सरकार द्वारा तुरंत आयोग का गठन किया जाए। अनुरोध किया गया है कि मोदी वेतन आयोग की सिफारिशों का पालन करें। परिसंघ ने स्पष्ट किया कि उभरती स्थिति को देखते हुए आयोग आवश्यक था।
2013 के आम चुनाव से पहले हुआ था सातवें वेतन आयोग का गठन
8th Pay Commission: देश का पहला वेतन आयोग जनवरी 1946 में स्थापित किया गया था। 1947 से अब तक सात वेतन आयोग स्थापित किए जा चुके हैं। 28 फरवरी 2014 को आखिरी या सातवां वेतन आयोग भी उसी समय बनाया गया था। 2013 के आम चुनावों से पहले, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 7वें वेतन आयोग की स्थापना की। लोकसभा के चुनाव 2024 यानी अगले साल होने हैं। ऐसे में आठवें दिन आयोग के गठन को लेकर कई तरह के कयास लगाये जा रहे थे। आपको बता दें कि देश के केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे में हर दस साल में एक आयोग द्वारा बदलाव किया जाता है जिसे वेतन आयोग कहा जाता है।